Thursday 5 August 2021

Indian & afghanistan Relationship 2021

 

Indian

Afghanistan 

indian और afghanistan के राजनीतिक रिश्ते तो पहले से अच्छे थे पर 21वीं सदी में तालिबान के पतन के बाद दोनों देशों के संबंध फिर से काफी मजबूत हो गए हैं। भारत ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में रचनात्मक हिस्सेदारी की है। 4 अक्टूबर 2011 को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की भारत यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हुई बैठक में सामरिक मामले, खनिज संपदा की साझेदारी और तेल और गैस की खोज पर साझेदारी संबंधी तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत तथा अफगानिस्तान का सम्बंध काफी मित्रता तथा भाईचारा पूर्वक हैं। भारत ने अफगानिस्तान के साथ कई प्रकार के विकासीय समझौते किये हैं। तथा भारत और अफगानिस्तान दोनो एक दूसरे का हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन करते हैं।

द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी करार 2011 के तत्वावधान में गठित भारत और अफगानिस्तान के बीच रणनीतिक भागीदारी परिषद की द्वितीय बैठक 11 सितम्बर, 2017 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। भारत की विदेशी मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज तथा अफगानिस्तान इस्लामिक गणराज्य के विदेश मंत्री महामहिम सलाहुद्दीन रब्बानी ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री रब्बानी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भी भेंट की। प्रधानमंत्री और भारत की विदेश मंत्री ने बल दिया कि दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर खरे उतरे मैत्रीपूर्ण संबंध हैं तथा उन्होंने एक एकीकृत, संप्रभु, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, स्थिर, समृद्ध और बहुलवादी अफगानिस्तान के निर्माण में भारत के निरंतर सहयोग को दोहराया। रणनीतिक भागीदारी परिषद ने पारस्परिक हित और साझी समझ के अनेक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की तथा उन पर विचारों का आदान-प्रदान किया। राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों, व्यापार, वाणिज्य और निवेश, विकास सहयोग, तथा मानव संसाधन विकास, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्रो में चार संयुक्त कार्यकारी समूहों के परिणामों की समीक्षा की गई और उनका सकारात्मक मूल्यांकन किया गया।


                                                




   

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